भारत सरकार बहुत जल्द एक नई Toll Policy लागू करने जा रही है, जिससे देश की सड़क व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इस नई पॉलिसी के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ ही दिनों में देशभर से फिजिकल टोल बूथ हटा दिए जाएंगे और इनकी जगह टेक्नोलॉजी-आधारित सिस्टम लागू होगा, जिससे वाहन मालिकों को टोल देने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा।
इस नई नीति के तहत सैटेलाइट ट्रैकिंग की मदद से टोल शुल्क अपने आप काटा जाएगा। इससे ट्रैफिक में रुकावटें कम होंगी, सफर और सुविधाजनक होगा और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इतना ही नहीं, नितिन गडकरी का दावा है कि आने वाले दो वर्षों में भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी।
नितिन गडकरी ने की नई Toll Policy की घोषणा
14 अप्रैल 2025 को हुए एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने घोषणा की कि भारत सरकार जल्द ही देशभर से टोल प्लाजा हटाने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगले 10 से 15 दिनों में नई Toll Policy लागू कर दी जाएगी। उन्होंने ज्यादा जानकारी तो नहीं दी, लेकिन यह साफ कर दिया कि अब देश की टोल वसूली प्रणाली पूरी तरह से बदलने वाली है।
कैसे काम करेगा नया Toll सिस्टम?
नई Toll Policy के तहत अब टोल वसूली फिजिकल टोल बूथ के जरिए नहीं होगी। इसके बजाय, सैटेलाइट ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गाड़ियों की नंबर प्लेट को सैटेलाइट सिस्टम से स्कैन किया जाएगा, और उसी आधार पर टोल अपने आप काट लिया जाएगा। यानी, न तो लंबी लाइनें होंगी और न ही टोल प्लाजा पर समय बर्बाद होगा। इस ऑटोमेटिक सिस्टम से टोल कलेक्शन तेज, पारदर्शी और ज्यादा कुशल बन सकेगा।
क्यों हटाए जा रहे हैं टोल प्लाजा?
सरकार का मानना है कि मौजूदा टोल वसूली प्रणाली से लोगों को काफी असुविधा होती है। टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें, समय की बर्बादी और ईंधन खर्च को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। इसके अलावा, मैनुअल टोल वसूली में अक्सर गड़बड़ियां भी सामने आती हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए यह टेक्नोलॉजी-आधारित प्रणाली लाई जा रही है।
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा फोकस
नितिन गडकरी ने देश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी बड़े वादे किए हैं। उनका कहना है कि अगले दो सालों में भारत का रोड नेटवर्क अमेरिका से भी बेहतर हो जाएगा। इस दिशा में कई हाईवे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने मुंबई-गोवा हाईवे का उदाहरण देते हुए कहा कि यह जून 2025 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो सकता है। इससे दोनों शहरों के बीच सफर का समय काफी कम हो जाएगा।
क्या होंगे इस पॉलिसी के फायदे?
- समय की बचत: टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा, जिससे सफर तेज और सुविधाजनक होगा।
- ईंधन की बचत: रुक-रुक कर चलने से बचने पर गाड़ियों का ईंधन भी बचेगा।
- पारदर्शिता: ऑटोमेटिक सिस्टम से गलत टोल वसूली की संभावना नहीं रहेगी।
- ट्रैफिक में सुधार: टोल प्लाजा हटने से जाम की समस्या में काफी कमी आएगी।
भारत सरकार की ये नई Toll Policy देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम है। यदि यह योजना सफल रही तो ना सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊंचाई भी मिलेगी। आने वाले दिनों में इस पॉलिसी की पूरी तस्वीर सामने आएगी, लेकिन अभी से यह उम्मीद की जा रही है कि यह फैसला देशवासियों के लिए काफी राहत भरा साबित होगा।