आजकल मेडिकल खर्च इतनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं कि बिना हेल्थ इंश्योरेंस के इलाज कराना बहुत महंगा हो सकता है। लेकिन सिर्फ हेल्थ पॉलिसी होना ही काफी नहीं — कैशलेस क्लेम (Cashless Claim) कैसे करना है, ये पता होना भी उतना ही ज़रूरी है। बहुत से लोग सोचते हैं कि इंश्योरेंस तो ले लिया, अब अस्पताल जाएंगे और सब फ्री हो जाएगा। लेकिन जब प्रोसेस नहीं पता होता, तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है या खुद ही पूरा पैसा देना पड़ता है। इसलिए आज हम आपको पूरी कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया बहुत ही आसान भाषा में बताएंगे।
कैशलेस क्लेम (Cashless Claim) होता क्या है?
Cashless Claim मतलब: आपको हॉस्पिटल में बिल पे नहीं करना पड़ेगा, बीमा कंपनी सीधे अस्पताल को पेमेंट कर देगी।
शर्त ये है कि:
- आपका इलाज नेटवर्क हॉस्पिटल में हो
- आप समय पर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें
- जरूरी डॉक्यूमेंट्स पूरे हों
कैशलेस क्लेम की Step-by-Step प्रक्रिया
1. नेटवर्क हॉस्पिटल की पहचान करें
सबसे पहले ये चेक करें कि आप जिस अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं, वो आपकी इंश्योरेंस कंपनी के network hospital list में है या नहीं। आप ये जानकारी कंपनी की वेबसाइट या ऐप से पा सकते हैं।
2. इंश्योरेंस कार्ड या e-card लेकर जाएं
जब आप अस्पताल में भर्ती होते हैं या किसी को एडमिट करते हैं, तो वहां TPA डेस्क पर जाकर अपना insurance card दिखाएं। TPA मतलब Third Party Administrator – जो आपके क्लेम को प्रोसेस करता है।
3. Pre-authorization फॉर्म भरें
अस्पताल TPA डेस्क से आपको एक फॉर्म देगा – इसे Pre-authorization form कहते हैं। इसमें मरीज की बीमारी, डॉक्टर की रिपोर्ट और इलाज का प्लान शामिल होता है। ये फॉर्म अस्पताल इंश्योरेंस कंपनी को भेजता है – approval आने में 2-6 घंटे लग सकते हैं।
4. इलाज और पेमेंट प्रोसेस
अगर आपका क्लेम अप्रूव हो गया, तो इलाज के बाद अस्पताल सीधे बीमा कंपनी से पैसा लेता है। आपको सिर्फ non-covered charges (जैसे कुछ दवाइयां, खाने का खर्च आदि) देने होते हैं।
5. डिस्चार्ज और पेपरवर्क
इलाज खत्म होने के बाद अस्पताल क्लेम पेपर्स कंपनी को भेजता है और आपको डिस्चार्ज करता है। कुछ अस्पतालों में 2-3 घंटे देरी हो सकती है क्योंकि पेमेंट कंफर्मेशन का इंतज़ार होता है।
किन मामलों में कैशलेस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है?
- नेटवर्क अस्पताल में इलाज न होना
- इंश्योरेंस कार्ड या पॉलिसी डिटेल्स न होना
- बीमा की शर्तों के बाहर की बीमारी
- Pre-authorization न कराना
- वेटिंग पीरियड पूरा न होना
जरूरी डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट
- इंश्योरेंस हेल्थ कार्ड या e-card
- ID प्रूफ (आधार, पैन आदि)
- डॉक्टर की रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन
- हॉस्पिटल बिल्स, डिस्चार्ज समरी
- प्री-अथराइजेशन फॉर्म
टिप्स जो क्लेम को आसान बना दें:
- हमेशा नेटवर्क हॉस्पिटल में ही जाएं
- कंपनी की हेल्पलाइन नंबर अपने पास रखें
- एडमिट होने से पहले या तुरंत बाद कंपनी को सूचित करें
- पॉलिसी की शर्तें समय-समय पर पढ़ते रहें
हेल्थ इंश्योरेंस तभी काम का है जब आप उसका सही फायदा उठा पाएं। Cashless Claim की जानकारी होना एक बहुत जरूरी चीज है जो आपको आर्थिक झंझट से बचा सकती है। अब जब आप पूरी प्रक्रिया समझ चुके हैं, तो अगली बार अस्पताल जाने से पहले तैयार रहें और डॉक्यूमेंट्स सही रखें।