हरियाणा में फर्जी BPL कार्डधारकों पर सरकार का शिकंजा, 20 अप्रैल तक दें जवाब, वरना जेल तय

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हरियाणा सरकार ने राज्य में फर्जी तरीके से बने BPL (Below Poverty Line) कार्डों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पिछले कुछ हफ्तों में करीब 1,600 से ज्यादा परिवारों को BPL सूची से बाहर कर दिया गया है। सरकार को शिकायतें मिली थीं कि कई अमीर लोग भी गरीबों के लिए तय सरकारी योजनाओं का लाभ गलत तरीके से उठा रहे हैं। इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए राज्य सरकार ने 20 अप्रैल तक का समय दिया है, ताकि ऐसे लोग स्वेच्छा से अपना नाम BPL सूची से हटा लें।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर शुरू की गई इस कार्रवाई में अब तक कई जिलों में बड़ी संख्या में लोगों पर शिकंजा कसा गया है। यदि तय समय सीमा के अंदर ये परिवार खुद को सूची से बाहर नहीं करवाते, तो सरकार उन्हें जबरन हटाकर उनके खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज करेगी। दोषी पाए जाने पर ऐसे लोगों को दो साल तक की जेल भी हो सकती है।

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सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

हरियाणा सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि संपन्न परिवार भी BPL कार्ड बनवाकर सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं। इनमें राशन, स्कॉलरशिप, स्वास्थ्य योजनाएं, और अन्य आर्थिक मदद शामिल हैं। जांच में यह बात सामने आई कि कुछ परिवारों ने जानबूझकर अपनी सालाना आय कम दिखाकर या परिवार का कागजों में विभाजन दिखाकर BPL कार्ड बनवाया है, जबकि असल में वे एक साथ ही रह रहे हैं और आय सीमा से काफी ऊपर हैं।

BPL पात्रता क्या कहती है?

हरियाणा में BPL कार्ड उन्हीं लोगों को मिलता है जिनकी सालाना आय ₹1,80,000 से कम है। सरकार को शक है कि कई लोगों की आय इससे कहीं अधिक है, लेकिन फिर भी उन्होंने गलत दस्तावेज देकर खुद को गरीब दिखाया। इस तरह का झूठ अब सरकार की नजर में आ गया है, और सख्ती से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

कहां-कहां हुई कार्रवाई?

अब तक जिन जिलों में फर्जी BPL कार्डधारकों पर कार्रवाई हुई है, उनमें शामिल हैं:

  • कुरुक्षेत्र: 175 परिवार
  • हिसार: 145 परिवार
  • सोनीपत: 145 परिवार
  • गुरुग्राम: 84 परिवार
  • फरीदाबाद: 20 परिवार
  • अंबाला: 36 परिवार
  • भिवानी: 106 परिवार
  • फतेहाबाद: 82 परिवार
  • झज्जर: 73 परिवार
  • जींद: 75 परिवार
  • कैथल: 40 परिवार
  • करनाल: 73 परिवार
  • महेंद्रगढ़: 38 परिवार
  • नूंह: 17 परिवार
  • पलवल: 46 परिवार
  • पंचकूला: 3 परिवार
  • पानीपत: 49 परिवार
  • रेवाड़ी: 39 परिवार
  • सिरसा: 73 परिवार
  • यमुनानगर: 90 परिवार
  • दादरी: 12 परिवार

इन जिलों में जांच के दौरान सामने आया कि कई परिवारों ने नियमों को ताक पर रखकर गरीबों के हक पर कब्जा कर रखा था।

अब क्या करना है फर्जी BPL कार्डधारकों को?

सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन लोगों ने गलत तरीके से BPL कार्ड बनवाए हैं, वे 20 अप्रैल 2025 तक खुद को स्वेच्छा से BPL सूची से हटवाएं। ऐसा न करने पर प्रशासन कानूनी कार्रवाई करेगा, जिसमें जुर्माने के साथ-साथ दो साल की जेल भी हो सकती है। यह चेतावनी साफ तौर पर उन लोगों के लिए है, जो अभी भी सरकारी सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

हरियाणा सरकार की यह पहल साफ संकेत देती है कि अब फर्जीवाड़ा और झूठे दस्तावेजों से सरकारी सुविधाएं लेने वालों पर बख्शिश नहीं होगी। असली जरूरतमंदों को हक दिलाने के लिए यह अभियान ज़रूरी था और सरकार इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है। अगर आपने भी बिना पात्रता के BPL कार्ड बनवाया है, तो समय रहते खुद ही उसे रद्द करवा लें—वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें

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