केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा जिस मुद्दे पर हो रही है, वह है 8th Pay Commission का गठन और इसके साथ जुड़ी संभावित बदलाव की बातें। खासतौर से CGHS (Central Government Health Scheme) को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों में CGHS को बंद करने का प्रस्ताव भी हो सकता है। इस मुद्दे ने लाखों सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड लोगों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि CGHS फिलहाल उनके लिए एक सस्ती और भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधा है।
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबरें ये भी इशारा कर रही हैं कि अगर CGHS को बंद किया जाता है, तो इसकी जगह एक नई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लाई जा सकती है। ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) को कब मंजूरी देती है और इससे जुड़े नोटिफिकेशन कब जारी किए जाते हैं।
क्या CGHS को किया जा सकता है बंद?
CGHS एक ऐसी योजना है जो केंद्र सरकार के मौजूदा और रिटायर्ड कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों को बेहद कम कीमत पर इलाज, दवाइयां और मेडिकल सलाह जैसी सुविधाएं देती है। यह स्कीम अब तक लाखों लोगों की मदद कर चुकी है, लेकिन अब ऐसा कहा जा रहा है कि यह योजना भविष्य में बंद की जा सकती है। इसके पीछे कारण ये बताया जा रहा है कि CGHS की पहुंच पूरे देश में समान रूप से नहीं है और इससे सभी कर्मचारियों को पर्याप्त फायदा नहीं मिल पा रहा है।
पहले भी उठ चुका है सवाल
CGHS को हटाने की बात कोई नई नहीं है। इससे पहले 5वें, 6ठे और 7वें वेतन आयोग में भी यह सुझाव सामने आया था कि CGHS की जगह एक बेहतर और ज्यादा प्रभावशाली स्कीम लागू की जाए। इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि देशभर के कई हिस्सों में CGHS की सुविधा मौजूद नहीं है, जिससे कर्मचारियों को इलाज के लिए निजी विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ता है।
नई स्कीम की आ रही है चर्चा
जनवरी 2025 में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय CGHS के स्थान पर एक नई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लाने पर विचार कर रहा है। यह स्कीम विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाई जाएगी, जिससे उन्हें ज्यादा विकल्प और बेहतर कवरेज मिल सके। हालांकि यह केवल चर्चा तक ही सीमित रही और इस पर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है।
8th Pay Commission: अब अगला कदम क्या?
सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें अब 8th Pay Commission के औपचारिक ऐलान पर टिकी हुई हैं। आयोग के गठन से पहले सरकार को सबसे पहले इसके Terms of Reference (ToR) को मंजूरी देनी होगी। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही आयोग का गठन होगा और उसके बाद ही सिफारिशों को लेकर कोई पक्की जानकारी सामने आएगी।
जब तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक यह साफ नहीं है कि CGHS रहेगा या नहीं, और अगर नहीं रहेगा तो उसकी जगह कौन-सी नई योजना लागू की जाएगी। लेकिन इतना जरूर है कि अगर CGHS की जगह नई स्कीम आती है, तो सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए उतनी ही लाभदायक और सुलभ हो जितनी मौजूदा योजना है।
CGHS को लेकर चर्चाएं भले ही कई बार उठ चुकी हों, लेकिन इस बार 8वें वेतन आयोग के जरिए इसमें बड़ा बदलाव आ सकता है। अब सबकी नजर सरकार के अगले कदम और ऑफिशियल घोषणाओं पर है, जो इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करेंगी। तब तक कर्मचारियों को थोड़ा और इंतजार करना होगा।